लेखनी कहानी -29-Dec-2022 बचपन की प्रेम कहानी
शीर्षक-शीतल और मयंक की प्रेम कहानी
यह कहानी शीतल और मयंक की है। यह दोनों एक दूसरे से प्यार करते थे उन्हीं से संबंधित के कहानी है।
शीतल और मयंक बचपन के दोस्त थे। दोनों गांव में रहा करते थे। उस समय शीतल 10 वर्ष की और मयंक 12 वर्ष का था। दोनों ने अपना बचपन धौलपुर गांव में बिताया था। शीतल के माता-पिता खेती करते थे। एक बार वहां पर बाढ़ आने की वजह से सब कुछ तहस-नहस हो गया और शीतल के घर खेत खलियान सब डूब गए थे। इसी कारण शीतल उस गांव में नहीं रह पाई लेकिन जाते-जाते उसने मयंक से मिलना चाहा। वह मयंक से मिलने गई और कहां मैं तुम्हें छोड़कर इस गांव को छोड़कर बाबूजी के साथ शहर में जा रही हूं। लेकिन यह मेरी निशानी तेरे पास रहेगी। जब भी हम दोनों को एक दूसरे की याद आएगी तो हम यह निशानी अपने पास रखेंगे। लेकिन मयंक यह याद रखना मैं तेरी हूं और तू मेरा है मैं हमेशा के लिए तेरी ही रहूंगी। मैं चाहे कहीं पर भी रहूं पर तेरा नाम कभी नहीं भूलूंगी। शीतल आंखों मैं आंसू लेकर चली जाती है।
कुछ सालों के बाद
शीतल अब बड़ी हो गई और डॉक्टर बन गई थी। तभी एक एक्सीडेंट केस आता है। और उस व्यक्ति की बहुत ही सीरियस हालत थी तभी शीतल को बुलाया जाता है और उसका ऑपरेशन करने लगती हैं। उसका इलाज करने के बाद शीतल बाहर आती है और कहती है सब सकुशल है। कुछ घंटों के बाद उस व्यक्ति को होश आता है और शीतल के हाथ में वह निशानी देखकर वह पहचान जाता है वह शीतल है। शीतल उसे कहती है आप किसी की दुआ की वजह से बच गए नहीं तो बचने के चांस नहीं थे। तभी वह व्यक्ति कहता है शीतल! हां मैं शीतल हूं आपको कैसे पता। आपके हाथ में मेरी दी हुई निशानी है उसी समय पहचान गया आप शीतल है आपने मुझे नहीं पहचाना और अपने गले का लॉकेट दिखाता है उसमें शीतल की बचपन की फोटो थी देखकर शीतल बोलती है मयंक तुम। कैसा है मेरे यार और क्या कर रहा है अब। कितने दिनों के बाद हम मिले हैं। इस तरह शीतल और मयंक मिल जाते हैं।इनकी दोस्ती प्यार में बदल ती है और परवान चढ़ने लगती है। मयंक भी पुलिस अफसर बन गया था। जहां शीतल रहती थी वहीं पर मयंक की सर्विस थी। शीतल के माता-पिता मयंक से शादी कर देते हैं। इस तरह से शीतल और मयंक एक दूसरे के हो गए और जिंदगी में खुश रहने लगे।
लेखिका
प्रियंका भूतड़ा
प्रतियोगिता के लिए
Gunjan Kamal
03-Jan-2023 12:36 PM
शानदार प्रस्तुति 👌🙏🏻
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Varsha_Upadhyay
30-Dec-2022 05:16 PM
बेहतरीन
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डॉ. रामबली मिश्र
29-Dec-2022 10:23 PM
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति 👌👌
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